शिल्प अनुदेशक प्रशिक्षण डीजीटी की अनिवार्यताः जिम्मेदारी है तथा शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) की शुरूआत से ही इसका संचालन हो रहा है। अनुदेशक प्रशिक्षणार्थियों को कौशल तथा प्रशिक्षण पद्धति, दोनों में व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति को प्रशिक्षित करने के लिए स्थलीय कौशल हस्तांतरण की तकनीकों में निपुण हो सकें।
2018 के शैक्षणिक सत्र में प्रवेश के दौरान यह आकलन किया गया था कि 28 लाख से अधिक की प्रवेश क्षमता तथा कौशल पारिस्थितिकी वाली लगभग 14000 आईटीआइज में 95000 से भी अधिक अनुदेशक कार्यरत हैं। परन्तु इनमें से सीआईटीएस के अंतर्गत केवल 15% के लगभग ही इस समय प्रशिक्षित हैं। एनसीवीटी ने आदेश जारी किए हैं कि आईटीआइज में सभी प्रशिक्षक सीआईटीएस प्रशिक्षित होने चाहिएं। राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआइज) में प्रशिक्षकों के प्रशिक्षणार्थ वर्तमान क्षमता 9403 वार्षिक हैं जबकि कुल प्रवेश क्षमता 12339 की है
(सरकारी तथा निजी आईटीओटीज की 2936 सहित) शिल्प अनुदेशक प्रशिक्षण योजना कार्यक्रम के अंतर्गत पात्र अभ्यर्थी वही हैं जिनके पास एनटीसी/एनएसी/डिप्लोमा/डिग्री अर्हताएं हैं। 27 इंजीनियरिंग व्यवसायों तथा 9 गैर-इंजीनियरिंग व्यवसायों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।