उद्देश्य
डीएसटी योजना का उद्देश्य उद्योगों तथा संस्थानों को सरकारी तथा निजी आईटीआइज के साथ उच्च नियोजनीयता पाठ्यक्रमों के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने में सक्षम बनाना है ताकि उनकी कुशल जनशक्ति की जरुरतें पूरी की जा सकें। डीएसटी, आईटीआइज के माध्यम से दी जाने वाली सैद्धान्तिक ट्रेनिंग तथा उद्योग के माध्यम से दिए जाने वाले व्यावहारिक प्रशिक्षण का मिला-जुला रुप है। डीएसटी से उद्योग सम्पर्क बनाने में मदद मिलती है तथा इससे छात्रों को उद्योगों की नवीनतम/अद्यतन प्रौद्योगिकियों का व्यावहारिक अनुभव हासिल होता है।
डीएसटी योजना के अंतर्गत उद्योग की कुशल जनशक्ति संबंधी जरूरतें पूरी करने के लिए पाठ्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि प्रशिक्षण पूरा करने के उपरान्त इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय व्यवसाय प्रमाणपत्र (एनटीसी) पाने वाले प्रशिक्षणार्थियों को उद्योगों में नियोजनीयता तथा रोजगार अवसरों के दृष्टिकोण से नियमित आईटीआई पासआउट्स को तरजीह मिले। उद्योग सम्पर्कों को सुदृढ़ करने तथा आईटीआइज में छात्रों को उद्योग में प्रयुक्त नवीनतम प्रौद्योगिकियों से अवगत कराने की दृष्टि से डीजीटी आईटीआइज को डीएसटी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है ताकि ये आईटीआई प्रशिक्षणार्थी उद्योग के लिए तत्पर हों।
आईटीआइज की पात्रता
द्वितीय तथा इससे ऊपर की ग्रेडिंग के सभी सम्बद्ध आईटीआइज (सरकारी तथा निजी) डीएसटी के तहत अपने संगत सम्बद्धता वाले व्यवसाय(यों) में प्रशिक्षण आयोजित कर सकते हैं।
डीएसटी के लिए पाठ्यक्रम तथा पाठ्यचर्या
दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली, सेवा क्षेत्र के व्यवसायों तथा नए उभरते क्षेत्रों के व्यवसायों सहित सभी व्यवसायों में शुरू की गयी है। ये सभी पाठ्यक्रम एनएसक्यूएफ के अनुरूप होंगे।
प्रशिक्षण की अवधि
1. औद्योगिक प्रशिक्षण की अवधि नीचे तालिका में दिए अनुसार हैः
क्र.सं. | पाठ्यक्रम/व्यवसाय की अवधि | औद्योगिक प्रदर्शन/प्रशिक्षण की अवधि (पिछले दिशानिर्देशों के अनुसार) | औद्योगिक प्रदर्शन/प्रशिक्षण की अवधि (संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार) |
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1 | 6 महिने | निश्चित नहीं किया गया | 1-3 महिने |
2 | 1 वर्ष | 5 महिने | 3-6 महिने |
3 | 2 वर्ष | 9 महिने | 6-12 महिने |
2. आईटीआई तथा इस रेंज की पूरी प्रशिक्षण अवधि के औद्योगिक प्रशिक्षण ब्लाकों की अवधि के निर्धारण में उद्योग/आईटीआइज ने कुछ गुंजायश रखी है।
उद्योगों के लिए पात्रता मानदंड
- अधिक से अधिक उद्योगों को डीएसटी के दायरे में लाने के लिए भाग ले रहे उद्योगों द्वारा कम से कम 200 कर्मचारी इंजीनियरिंग तथा गैर-इंजीनियरिंग दोनों ट्रेडों के लिए नियोजित करने की शर्त में संशोधन किया गया है। इन दिशानिर्देशों को अब और निम्न प्रकार आशोधित किया गया हैः
- इंजीनियरिंग ट्रेडों में किसी उद्योग के लिए मानदंड कम से कम 40 कर्मचारियों का होगा (संविदा पर लगे कर्मचारियों सहित) जबकि गैर-इंजीनियरिंग ट्रेडों के लिए भाग ले रहे भागीदार उद्योग में कम से कम 6 कर्मचारी होने चाहिएं।
- गैर-इंजीनियरिंग उद्योग के मामले में पिछले दो वर्षों का न्यूनतम कारोबार 10 लाख रुपए प्रतिवर्ष तथा इंजीनियरिंग ट्रेडों में उद्योग का पिछले तीन वर्षों का न्यूनतम कारोबार प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपए का होना चाहिए।
क्र.सं. | पैमाना | पात्रता मानदंड (पूर्ववर्ती) | पात्रता मानदंड (अब) | ||
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1 | इंजीनियरिंग ट्रेड | गैर-इंजीनियरिंग ट्रेड | इंजीनियरिंग ट्रेड | गैर-इंजीनियरिंग ट्रेड | |
2 | उद्योग में कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या | 200 | 200 | 40 | 6 |
3 | उद्योग का न्यूनतम कारोबार (भारतीय रुपयों में) | 10 करोड़/वर्ष (पिछले तीन वर्षों के लिए) | 10 करोड़/वर्ष (पिछले तीन वर्षों के लिए) | 1 करोड़/वर्ष (पिछले तीन वर्षों के लिए) | 10 लाख/वर्ष (पिछले दो वर्षों के लिए) |