लोचशील समझौता ज्ञापन अथवा लोचशील-एमओयू योजना
यह योजना उद्योग एवं प्रशिक्षणार्थियों दोनों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बनायी गयी है। इस योजना में उद्योग अभ्यर्थियों को अपनी स्किलिंग सेट जरूरतों के मुताबिक प्रशिक्षित कर सकते हैं और प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्राप्त हेतु बाजार मांग एवं नवीनतम प्रौद्योगिकी के अनुरूप उद्योग परिवेश मुहैय्या करवाया जाता है।
नियोक्ता कौशल मॉडलः
अपने कार्यबल में उद्योग से तैयार प्रशिक्षणार्थियों को शामिल करने के लिए भावी कर्मचारी के संस्थानिक निपुणता (कौशल) के लिए इस योजना में व्यवस्थित अवसंरचना, सुदृढ प्रशिक्षण सुविधाओं एवं प्रशिक्षित शिक्षकों वाले भावी नियोक्ता (उद्योग) की परिकल्पना की गयी है।
पाठ्यक्रम की लोचशीलताः
उद्योग को ऐसे अनुकूलित पाठ्यक्रमों वाले कौशल अनुरूप कार्यक्रम सृजित करने हैं जिनमें उद्योग की जरूरतों को पूरा करने वाली बाजार प्रासंगिक सामग्री हो। आईटीपी द्वारा विकसित पाठ्यक्रमों की पाठ्यचर्या इस प्रकार तैयार की जानी चाहिए कि उसमें औद्योगिक प्रशिक्षण को अधिक महत्व दिया गया हो। पाठ्यक्रम उच्च रोजगार संभाव्यता वाले होने चाहिए।
आईटी/आईटीईएस तथा ऐसे ही क्षेत्रों के लिए विकसित पाठ्यक्रम बिल्कुल ऑन-लाइन हो सकते हैं।
औद्योगिक प्रशिक्षण भागीदार (आईटीपी):
भागीदार संस्थाओं को डीजीटी के साथ औद्योगिक प्रशिक्षण भागीदार (आईटीपी) के रूप में करार अथवा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने होते हैं। आईटीपी उद्योग/संगठन, उद्योग कलस्टर से /महासंघ, कौशल विश्वविद्यालय हो सकते हैं।
समझौता ज्ञापन की अवधिः
समझौता ज्ञापन तीन वर्ष के लिए हस्ताक्षरित होगा तथा सफल रहने पर 3 वर्षों के स्लाट्स में बढ़ाया जा सकता है।
पाठ्यक्रम अवधिः
कक्षा प्रशिक्षण तथा उद्योग प्रशिक्षण घटकों सहित प्रशिक्षण की अवधि कम से कम 6 महिने होगी तथा अधिकतम 24 महिने (2 वर्ष) की होगी।
प्रशिक्षणार्थियों का चयन तथा प्रवेशः
आईटीपी को निर्धारित मानदंड के अतिरिक्त अपने चयन मानदंड के अनुसार प्रशिक्षणार्थियों के चयन करने की सुविधा है। दाखिला परिक्रम को लचीला रखा गया है।
लोचशील-एमओयु पर हस्ताक्षर करने वाली आईटीपी को कम से कम 100 प्रशिक्षणार्थी प्रति वर्ष, अधिकतम 1000 प्रशिक्षणार्थी प्रतिवर्ष प्रशिक्षित करने होंगे।
प्रशिक्षण, आकलन, प्रमाणीकरण तथा नियोजन
चयनित अभ्यर्थियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने की मात्र जिम्मेदारी आईटीपी की है। आईटीपी तथा डीजीटी द्वारा संयुक्त रूप सेआकलन किया जाएगा। उद्योग को व्यावहारिक तथा औपचारिक आकलन तथा मूल्यांकन करना होता है। आईपीटी यह सुनिश्चित करे कि प्रशिक्षित किए गए कुल सफल प्रशिक्षणार्थियों में से कम से कम 50% नियोजित हो जाएं।
शिकायत निवारणः
आईटीपी को उसी प्रकार प्रशिक्षणार्थियों की शिकायतों के निवारण के लिए एक आंतरिक समिति का सृजन करना चाहिए जिस प्रकार आईटीपी के नियमित कर्मचारियों के लिए प्रावधान हैं।
प्रशिक्षणार्थियों के लिए सुविधाएं
उच्च रोजगार संभावना वाले उद्योग प्रासंगिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण अनुभवी उद्योग विशेषज्ञों/पेशेवरों के साथ बातचीत/उद्योग के आंतरिक (शॉप-फ्लोर) परिवेश तथा नवीनतम उपकरणों की जानकारी। उस क्षेत्र में बहु-उद्योगों में रोजगार के अधिक अवसर। उद्योग तत्परता, सर्वोत्तम अभ्यास, नवीनतम मशीनें, उपकरण तथा उपस्करों की जानकारी।