इस योजना के अंतर्गत राज्य में किसी मौजूदा आईटीआई कोमॉडल आईटीआई के रूप में उन्नयित किया जा रहा है जो ऐसे संस्थान के रूप में विकसित होगा जिसमें:
- प्रशिक्षण में अपनी विशेषज्ञता तथा सर्वश्रेष्ठ निष्पादन के लिए स्थानीय उद्योगों की मांग का केंद्र बनना।
- स्थानीय उद्योगों के साथ बेहतर संलिप्तता
- उद्योग की विशिष्ट कौशल जरूरत को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने हेतु उद्योग के साथ फ्लेक्सी एमओयू पर हस्ताक्षर करने। ऐसे अनुमोदित पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षा/मूल्यांकन तथा प्रमाणन एनसीवीटी द्वारा किया जाएगा।
- असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को प्रशिक्षित करना।
- मौजूदा औद्योगिक कार्यबल को प्रशिक्षण प्रदान करने में
सर्वोत्तम अभ्यास, कुशल तथा उच्च गुणवत्ता की प्रशिक्षण प्रदानगी तथा स्थायी और प्रभावी उद्योग संबंध प्रदर्शित होंगे।
प्रत्येक आईटीआई के लिए संस्थान प्रबंधन समिति (आईएमसी) सोसाइटी बनायी जाएगी जिसका अध्यक्ष उद्योग से होगा। आईएमसी में उद्योग से सभी प्रमुख व्यवसायों के प्रतिनिधि होंगे। आईएमसी को अपने कुशल कार्यसंपादन के लिए सशक्त बनाया जाएगा।
इस योजना को 300 करोड़ रुपए की सकल लागत से दिसम्बर, 2014 में स्वीकृत किया गया था। योजना की कार्यान्वयन अवधि 3 वर्ष अर्थात् वित्त वर्ष 2016-17 तक थी। 9 अगस्त, 2018 को आयोजित एसएफसी की बैठक के दौरान इस योजना को मार्च 2020 तक जारी रखने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया है।
अब तक 27 राज्यों में 29 आईटीआइज की पहचान की गयी है।
समझौता ज्ञापन यहां डाउनलोड करें
कार्यान्वयन नियमावली यहां डाउनलोड करें
योजना के अंतर्गत सरकारी आईटीआइज की सूची यहां डाउनलोड करें
सरकारी आईटीआइज के साथ उद्योग पार्टनर/आईएमसी यहां डाउनलोड करें
योजना के अंतर्गत सरकारी आईटीआइज को जारी निधियों तथा शेष बची (खर्च न की गयी) निधियों की स्थिति यहां डाउनलोड करें
केंद्रीय प्रायोजित योजना “मौजूदा सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का मॉडल आईटीआइज में उन्नयन” की मध्यावधि प्रगति समीक्षा यहां डाउनलोड करें
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