औद्योगिक मूल्य संवर्धन हेतु कौशल सुदृढ़ीकरण (स्ट्राइव) विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित एक नयी परियोजना है जिसे व्यय वित्त समिति (ईएफसी) द्वारा 2200 करोड़ रु. (318 मिलीयन अमेरिकी डालर) की कुल लागत से नवम्बर 2016 में स्वीकृति दी गयी थी। यह परियोजना विश्वबैंक की परिणामी कार्यक्रम (पी4आर) आधारित कोटि के अंतर्गत आती है जिसमें निधि की व्यवस्था परिणाम के आधार पर सुनिश्चित होती है। परियोजना का लक्ष्य उद्योग समूहों/भौगोलिक चेम्बरों के माध्यम से जागरूकता पैदा करना है जिससे सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम आकार के उद्यमों (एमएसएमइज) की सहभागिता की चुनौतियों की ओर ध्यान दिया जाएगा। परियोजना का उद्देश्य आईटीआइज की प्रतिपादन गुणवता एकीकृत करने तथा उसे बढ़ाने की ओर ध्यान देना भी है। परिणाम की उपलब्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस योजना के अंतर्गत इन आईटीआई को उन्नयन हेतु प्रतिस्पर्धा के आधार पर चुना जाएगा।
आर्थिक मामलों संबंधी समिति (सीसीईए) ने स्ट्राइव का अनुमोदन किया है तथा भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच ऋण करार पर 19.12.2017 को हस्ताक्षर किए गए हैं। परियोजना प्रबन्ध कन्सलटेंसी भी ऑन-बोर्ड कर दी गयी है। परिचालन नियमावली विश्व बैंक की सहायता से तैयार किया गया है तथा 3 जनवरी, 2019 को सचिव, एमएसडीई की अध्यक्षता में हुई राष्ट्रीय संचालन समिति की बैठक में इसे स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। परियोजना का कार्यान्वयन शुरू कर दिया गया है तथा राज्यों और उद्योग समूहों के साथ कार्यशालाओं की योजना बनायी जा रही है।